गले ,कंठ ,कंठ नली ,श्वासनलियों या फेकड़ो में कोई विक्षोभजन्य कारण मौजूद होने पार खांसी जुकाम होता है। श्वसनालियो की श्लेष्मकला में जीवाणु अथवा वाइरस के संक्रमण अथवा किसी अन्य कारण से सूजन आ जाने पर उसमे होने वाला श्लेम स्राव बंद हो जाता है ,जिससे श्वास प्रणाली में खुश्की आ जाती है ,जो खांसी जुकाम का कारण बनती है।
लेकिन एक या दो दिन बाद जब श्वास प्रणाली की श्लेमकला में सूजन बढती है ,तो श्लेम स्राव अत्याधिक मात्रा में बढ़ जाता है ,जो खाँसने पर बलगम के रूप में निकलता है। जीवाणु संक्रमण ,असात्म्य (एलर्जी उत्पन्न करने वाला द्रव या अन्य बाहरी कारणों से श्वासनलियों में होने वाले विक्षोभ की प्रतिक्रियास्वरूप खाँसी उठती है ,ताकि विक्षोभ जन्य कारण का निराकरण हो सके। वृक्क शोथ ,टी .बी, मलेरिया आदि अन्य रोगों के लक्षण के रूप में भी खाँसी का प्रकोप होता है।
खांसी जुकाम के लक्षण
सुखी खाँसी में गले में खराश होती है , जबकि बलगम खाँसी में खाँसी के साथ बलगम भी निकलता है। खाँसी बार-बार उठने से गले व् छाती में दर्द महसूस होता है।
खांसी जुकाम के घरेलू उपाय
सूखी खाँसी जुकाम व् बलगम खाँसी जुकाम की चिकित्सा अलग-अलग है। जाने gharelu nuskhe for Cough in Hindi
सूखी खांसी जुकाम का इलाज
बहेड़े की छाल की डली मुंह में रखकर चूसें।
लौंग मुंह में रखकर चूसें।
पिप्पली चूर्ण और सेंधा नमक 1 :2 के अनुपात में मिलाकर रख ले। आधा चम्मच सुबह-शाम गर्म पानी के साथ ले अथवा १ ग्राम छोटी पीपल का चूर्ण १ चम्मच शहद के साथ चाटे अथवा छोटी पीपल पानी के साथ पीसकर १ चम्मच की मात्रा में थोडा सा गाय के घी के साथ गर्म करे और थोड़ा-सा सेंधानमक मिलाकर लें। इसका सेवन दिन में दो बार करे।
एक पाँव तिल लेकर १ लीटर पानी में पकाकर काढ़ा बनाए। एक चौथाई रह जाने पर उतार लें व् स्वादानुसार मिसरी मिला ले। यह काढ़ा दिन में तिन बार 2 से 4 चम्मच तक लें।
तुलसी ,अदरक और प्याज का रस आधा-आधा चम्मच मिलाकर लें। इनके बराबर मात्र में शहद मिलाकर सुबह-शाम लें।
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बलगम खांसी जुकाम का इलाज
नाशपाती का रस सुबह-शाम पिए।
रोगी के करेले की सब्जी खिलाए।
शलगम उबालकर उसका पानी रोगी को पिलाए।
एक ग्राम पान के रस में तीन गुना शहद मिलाकर दिन में तिन बार चाटे।
अदरक के रस में सम भाग शहद मिलाकर चाटे। उपर से गर्म पानी पिए।
आयुर्वेदिक औषधियां
लवंगादिवटी ,एलादिवटी ,गोदन्ती भस्म ,प्रवाल भस्म ,वासावलेह आदि
पेटंट औषधिया
कसिल सीरप ,कोफोल सीरप ,जूफेक्स सीरप ,कासमर्द सीरप इस रोग में लाभकारी है।
जुकाम का कारण
Jukam में नाक की श्लेमकला सूज जाने से नाक बंद हो जाती है या बहने लगती है। नाक के साथ साथ गले में भी हलकी सूजन रहती है।
खांसी जुकाम गर्मी को छोड़कर बाकी सीझन में अधिक होता है। बालको में अपेक्षाकृत अधिक होता है। सीजन बदलले के समय जब शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति कम होती है ,जुकाम का वाइरस शरीर पर हमला करता है।
रोगियों के छींकने, खांसने ,थूकने ,हाथ मिलाने से यह रोग अन्य स्वस्थ व्यक्तियों को भी जकड़ लेता है। जो व्यक्ति पहले ही अजीर्ण ,कब्ज आदि रोगों से पीड़ित हो या जिसे ठंड लग गई हो या जिन्हें धूल ,धुए आदि से एलर्जी हो ,उन्हें यह रोग जल्दी –जल्दी और ज्यादा होता है।
जुकाम के लक्षण
नाक बंद हो जाती है या बहने लगती है। नाक में खुजली होती है ,गले में दर्द व् शुष्कता का अनुभव होता है। छींके आती है ,जो नाक बहना शुरू होने के बाद कम हो जाती है। खांसी शुरू हो जाती है।
खांसी जुकाम के घरेलू नुस्खे
तुलसी
तुलसी के सूखे पत्तो का क्वाथ बनाकर नस्य ले।
इमली
इमली के पत्तो का काढ़ा बनाकर चार-चार चम्मच दिन में दो बार ले। यह भी पढ़ें बिना व्यायाम के मोटापा व चर्बी कैसे कम करें?
देसी घी
रात को सोते समय नाक के दोनों छिद्रों में देसी घी लगाए या सरसों के तेल की २-१ बुँदे डाले।
सौंठ, काली मिर्च, लौंग का चूर्ण
यदि जुकाम पक गया हो ,अर्थात नाक से पिला ,दुर्गंधयुक्त स्राव आ रहा हो ,तो सौंठ 4 भाग ,काली मिर्च १ भाग व् लौंग १ भाग का चूर्ण बनाकर चाय में उबालकर पिए।
गुलवनफशा
तुलसी के पत्ते और गुलवनफशा दो-दो भाग तथा मुलेठी ,दालचीनी, सौंठ और छोटी इलायची प्रत्येक एक एक-एक भाग लेकर चूर्ण बना ले। तैयार मिश्रण में से एक ग्राम चूर्ण एक कटोरी पानी में उबालकर गरम-गरम पिए।
नींबू और नमक
एक कटोरी उबले हुए पानी में आधा नींबू व् चुटकी भर नमक डालकर सुबह-खाली पेट पिए।
दूध
सुबह-शाम ५-७ खजूर दूध में उबालकर ले।
चाय
तुलसी के पत्ते ,अदरक ,लौंग व् काली मिर्च चाय में उबालकर पिए।
जुकाम के आयुर्वेदिक औषधिया
त्रिभुवन कीर्ति रस ,नाग गुटिका ,कोषादी वटी ,चित्रक हरीतकी अवलेह।
पेटेंट औषधिया
त्रिशुन गोलिया ,फ्लुजैक्स गोलिया।
और अंत में
इस प्रकार ऊपर बताए हुए उपायों से आप घर पर ही आसानी से खांसी जुकाम का घरेलू उपचार कर सकते है। इसके अलावा ऊपर सुझाई गयी आयुर्वेदिक दवाओं का प्रयोग भी हितकर है।
छोटे बच्चों की खांसी जुकाम में ऊपर बताए हुए घरेलू उपायों का प्रयोग करते हुए ध्यान रखें कि छोटे बच्चों को जो 10 साल से कम उम्र के हों उनको कम मात्रा में ही घरेलू दवा खाने को दे। इन खांसी जुकाम के उपायों का कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है। किंतु छोटे बच्चों के शरीर मे ज्यादा मात्रा में दवा से शारिरिक गर्मी की समस्या हो सकती है।
हमें यकीन है आपको खांसी जुकाम से छुटकारा मिलने के रामबाण घरेलू नुस्खे समझ मे आ गए होंगे। इन्हें प्रयोग करें और अन्य लोगों की मदद करने के लिए पोस्ट शेयर जरुर कीजिएगा। किसी प्रकार की समस्या के लिए आप हमे कमेन्ट के जरिये सूचित करें।